सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

हमेशा खुश कैसे रहे | खुद को खुश कैसे रखे |Khud ko kaise khush rakhe - khud ko pehchano.

हमेशा खुश कैसे रहे | खुद को खुश कैसे रखे |Khud ko kaise khush rakhe - khud ko pehchano.



Jindagi ki Khusi


खुद को  जीवन में खुश और पॉजिटिव कैसे रखे?


  • खुश तो बहुत होंगे, अपने आप से
  • जो लोग दूसरों का घर जलाते है।
  • खुश तो वो लोग होते है, 
  • जो अपने आप को जला कर,
  • दुसरो के जीवन में खुशिया लाते है।


हमेशा खुश और मस्त कैसे रहे। एक अजब कला का अविष्कार।


  • हर मुश्किल में जीना
  • दूसरा नाम है जिंदगी का।
  • खुशियां दो और
  • खुशियां लो,
  • यही दस्तूर है जिंदगी का।


दोस्तों हमेशा खुश रहना हर किसी को नही बनता। जिन लोगों को आता है वो लोग कभी जीवन में दुःखी नही रहते, हमेशा हर्ष और उल्हास के साथ जिंदगी बीता लेते है। इसकी भी एक अलग दुनिया है। मतलब जो हमेशा खुश रहता है उसके हर काम बडी असानी से पूरे होते है। जिंदगी जीना भी एक अपनी कला होती है, या यूं कहें कि जिंदगी जीना एक कला है, बस जीने का तरीका आना चाहिये। कुछ लोगों को आप अक्सर देखते होंगे कि वो हमेशा मस्त रहते है चाहे उनके जीवन मे कुछ भी हो जाये। किसी भी तरह की मुश्किल आ जाये तो भी वो लोग़ खुश रहते है। 
ऐसा क्यों ? क्या आपको वो कला नही आती ? या फिर आप मे शक्ति नही है ? 


  • ख़ुशी वो नही जो, दूसरों को तकलीफ दे।
  • खुश वो नही जो, दूसरों से खुशी छीन ले।
  • खुश तो वो लोग है, जो दूसरों का गम बाट ले।
  • अपने आप को खुश रखने का तरीका ढूंढ ले।


शायद आप में वो शक्ति नही है कि, हर एक परेशानी का सामना कर सकें। तो मैं आज एक आसान सा तरीका बताता हूं आप ध्यान से पढ़े और आज ही अपने  जीवन मे उसे लागू करो। ताकि आप भी उन लोगों तक जैसे रहे। आज का दौर ऐसा है कि हर कोई अपनी परेशानी में है चाहें वो अपनी किसी पर्सनल हो या दूसरे किसी अपने की हो। परेशान तो है। परेशानी के कई कारण है मगर,  उसका उत्तर एक है की, आप खुद को बदलो ! तो आप खुद को बदलो बोले तो इसका मतलब ये नही की खान छोड़ दो या फिर कुछ अलग तरह के कपड़े पहनों। ऐसा कदापि नही है। आप क्या अपनी परेशानी को लेकर नाराज है या फिर नशीब साथ नही दे रहा है इसलिए खुस नही है। तो दोस्तों इसका एक ही जवाब है आप अपने आप को समजो। अपने आप को संभलना सिखों। 


  • परेशानी तो हर एक इंसान के साथ है।
  • जो उसे हल करे तो, जीना आसान है।
  • कीड़ो-मकोड़ों की तरह तो हर कोई जीता हैं।
  • जिन को जिंदगी समझ आ गई वही जीता है।


जो होता है अच्छे के लिए होता है। मगर कब जब आप उसे अच्छी तरह से निभाओगे। हर एक इंसान गलतियां तो करता ही है या फिर हो जाती है, जो नही होना चाहिए हो जाता है। अब हो गया क्या करना ? क्या उस चीज को पकड़ के ही बैठे या फिर उसका कुछ हल भी ढूंढे। आपको उसका हल तो ढूंढना ही होगा तब जाके आप अपनी जिंदगी बदल सकते है।
हल बोले क्या ? इस समश्या का क्या समाधान है। तो चलो मैं बताता हूं सुनो, आप अपने परेशानी को किसी ऐसे को यानी अपने किसी ज्यादा नजदीक आदमी को या फिर इंसान को अपनी समश्या को बोलो उसकी राय लो। वो इंसान आपको अच्छी तरह से पहचान सके या फिर तुम्हारे बहुत नजदीक हो। क्यों कि किसी को भी बताओगे तो इसमें तुम्हारी ही बदनामी होंगी और कुछ हल भी नही निकलेगा। ऐसे आदमी को शेयर करो जी आपका अपना हो। इस से होता क्या है, तुम्हारा मन थोड़ा हलका होता है। कुछ हल भी मिल सकता है। किसी को शेयर करो या फिर सोंचो की ये कैसे हुआ क्या कारण है, इसे कैसे निपटाएं। मैं तो बोलता हूं उसे भूल जाओ जो हुआ है, मगर अगली बार ऐसा नही हों इस चीज का ध्यान रखना है। खुद कभी हारना नहीं, बस प्रयास करते रहना है। 


  • हर इंसान का जिने का तरीका अलग है।
  • कोई जी लेता है, तो कोई जलते रहता है।
  • कोई जलाता है, तो कोई रुलाता है।
  • हमें तो हर मुश्किल को पार करना ही है।


खुश न रहने के कई कारण है, जैसे कि आप उसी चीज को पकड़े रहते हो, या फिर उस ची को ही बार बार अपने मन मे लाते हो। खुद को किसी न किसी चीज में पूरा ढाल दो। कुछ ऐसी चीज करो कि जिसमें आपको ज्यादा रुचि ही, इससे क्या होता है कि आप उस चीज में मग्न हो जाते है और अपने परेशानी कुछ हद तक भूल कर खुस रहते हो। इसका मतलब ये नही की आप नशा करो गम भुलाने को, तो ये तरीका ठीक नही है। हर समश्या का समाधान नशा नही है। कभी अपना कुछ बोल देता है तो नाखुश हो जाते हो, क्यों कोई बोला होगा कुछ तो शायद वो सही भी हो सकता है। जरूरत है अपने आप को बदलना। या फिर गलती नही है तो शायद बोलने वाले ने कही से गलत सुना होगा ,ऐसा भी हो सकता है। बोलने वाले कुछ भी बोलते है उस पे ज्यादा ध्यान नही देना जो अपने आप सही लगे वही करते रहना है। या दिन सबके समज में आएगा कि आप सही थे और वो लीग गलत। सोच समझ कर काम करे तो कुछ नही होता। कभी कभी आगे वाला इंसान आपको गलत समझकर बोल भी देता है। इसका मतलब ये नही की आप गलत हो।


  • परेशानी से भरी जिंदगी को युही मत छोड़ो।
  • अच्छे इंसान को अपने साथ सफर में जोड़ो।
  • शांत रहकर हर मुश्किल को खुशी से तोड़ो।
  • खुश रहना ही पड़ता हैं जीवन में,
  • बस कोशिश करना कभी मत छोड़ो।


इंसान वो गलत है जो आपको गलत बोल त है। उस इंसान को दिखाओ की आप सही हो और वो गलत है। घुसा आदमी को कमजोर बना देता है। बात को घुसे से नही प्यार से लो। प्यार से बात न हो पाए तो उसे भूल जाना ही अच्छा है। वरना वही बात खुद को अंदर से खोखला बना देती है। इंसान का स्वभाव शांत होना चाहिए। शांत रहने से मन मे अच्छे विचार आते है। अच्छा विचार आते है दिल मे और जोश में काम अच्छे हो जाते है। टेंशन लेने से खुद को ही तकलीफ होती है। खुद की ही तबियत खराब होती है। इंसान नाखुश रहता है कुछ वक्त तक तो ज्यादा विचार न करे और उस पे अच्छा मार्ग निकाल ने की कोशिश करो। आपको हमखास रास्ता मिलना ही है। हर एक चीज में अपनी पूरी जान डाल दो। खुद को शांत रखो, और हो सके तो मेडिटेशन करो। अच्छे विचार अच्छी तबियत ही जीवन मे आगे पढ़ाती है। एक कामयाब इंसान बना देती है।


  • हर एक के जीवन को आप,
  • खुसी से नही भर सकते है।
  • किसी का गम बाटकर,
  • थोड़ी खुशी तो दे ही सकते है।
  • अपना भी कभी-कभी गम दे जाता है।
  • अपनों से ही अक्सर धोका हो जाता है।
  • किस- किस को समझाये की,
  • उसके जीवन मे भी वो वक्त आना ही है।


जो भी कर रहे हो उसे पॉजिटिव रूप से देखो। हमेशा हर बात को पॉजिटिव तरीके से कर लो। जीवन मे निगेटिव कभी मत सोचना, क्यों कि निगेटिव सोचेंगें तो निगेटिव ही होगा। अपने विचार और सेहत अच्छी रखो ताकि हर एक मुश्किल का सामना कर सके।

Always think positive, For positive results. Be positive it will make  happy.



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

People's always say Bad | Khud ko Pehchano | लोगों का काम ही है बुरा कहना।

लोगों का काम है बुरा कहना। लोग तो बुरा कहेंगे क्यों कि, उनका काम ही है बोलना। बुरे लोग। लोग हमे जलाते है। हम जलते है। लोग हमें रुलाते है। हम रोते है। लोग हमें नीचा दिखाते है। हम शर्म से झुक जाते है। लोग हमें सताते है। हम मायुस होते है। लोग हमारे सपनों पे पानी फेरते है। हम सपना देखना छोड़ देते है। लोग हमें घुसे से देखते है। हम नरमी से लेते है। लोगों का क्या, कुछ भी करते है। अच्छे को बुरा कहते है। लोगों ने कुछ भी कहा कि, हम बुरा मान लेते है। हमने कुछ किया ही नही। तो हम दिल पे क्यों लेते है। बुरे को अच्छा कहते है। उनका काम ही है, कुछ भी बोलना। हमे तो बस सच ही उनको दिखाना। हमें तो बस अपना काम करना है। लोगों के बारे में क्यों सोचना। अपने सपनों को क्यों तोड़ना। हम तो शान से जीते है। कुछ कर दिखाने के लिए। दिल मे सच्चाई और ईमानदारी है, तो हर रास्ता आसान है। मंजिल को पाने के लिए। हर कोशिश करना हमारा काम है। अपने इरादे पे कायम रहना है। सिर्फ अपने दिल की सुनना है। लोगों के मुँह पे चाटा जो मारना है। अपने आप पे यकीन करना है। खुद को ...

जॉब नही है, थोड़ी खेती है तो बस ये करो..Organic Kheti| जैविक खेती

जॉब नही मिल रहा है, अगर थोड़ी खेती है तो बस शर्म छोड़ो और ये करो।| आर्गेनिक खेती।जैविक खेती। Organic Vegetables & Fruits. Organic Farming दोस्तों मैं आज आपको मेरी खुद की सच्ची  कहानी बतानेवाला हु। कुछ लोग जो सच मे बहुत पढ़ाई कर के जॉब या अच्छी सैलरी ना मिलने से परेशान है, उनके लिए ये ब्लॉग एक अच्छी राह दिखाने के लिए पर्याप्त है। एक हारे हुए पढ़े लिखे नौजवान को एक मोटिवेशनल स्टोरी है। एक बार जरूर पढ़ें। मैं एक कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर हु। प्राइवेट कंपनी में कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर का जॉब करता था। मगर, जितनी सैलरी चाहिए थी उतनी कभी नही मिल पाती थी। काम भी रात दिन बहुत करना पड़ता था। सैलरी भी कम और ज्यादा से ज्यादा डेयली का खर्चा निकल पाता था। नया कुछ भी नही कर पाता था। फिर मैंने अपना खुद का कंप्यूटर का रिपेरिंग और सेल्स का शॉप चालू किया और उसमें भी इनवेस्टमेंट तो करना ही पड़ता है। ऐसे वैसे करके चालू कर दिया शॉप और काम करने लगा। कुछ दिन ऐसाही चलता रहा। मगर उसमे भी बहुत कॉम्पिटीशन तो रहता ही है और उसमें टिक कर बिज़नेस करना बोले तो बात ही कुछ और है। मैं कस्टमर के घर पर जाके...

लॉकडाउन में खुद को कैसे संभाले? लॉक डाउन में किस चीज का विशेष ध्यान रखें ? | खुद को पहचानों

लॉकडाउन में खुद को कैसे संभाले? लॉक डाउन में किस चीज का विशेष ध्यान रखें ? लॉक डाउन में क्या करें और क्या ना करें? महीनों पहले आपने ये कभी नही सोचा होगा या समजा होगा कि ऐसा भी कभी होगा। जिंदगी कुछ बदली-बदली सी लग रही है। और ज्यादा तर हम में से कई लोग वास्तविक संघर्ष के रूप में अकेलेपन और अलगाव का अनुभव कर रहे हैं। ये “ लॉक डाउन ” की घड़ी बहुत ही चिंताजनक है। आप धीरज से काम ले और कुछ नया सोंचने की कोशिश करें। हमारे सामान्य दिन-प्रतिदिन की जिंदगी जैसे अपना बिज़नेस, नौकरी,सोशल मीडिया इन सब से आदमी थक गया था और और सोशल मीडियाने तो दिमाख खराब कर दिया था। मगर आज हम क्या कर रहे है? कोई घर मे शांत अकेल बैठे बोअर हो रहा है तो कोई अपने बच्चों की देखभाल कर रहा है। कोई अपने परिवार में खुशी से सुख बांट रहा है। कोई अपना पूरा दिन सोशल मीडिया पे व्यतीत कर रहा है। आपको इस लॉक डाउन में क्या लगता है ? कौनसी लाइफ अच्छी है ? लॉक डाउन वाली लाइफ अच्छी है ? या फिर, लॉक डाउन के पहले की? लॉक डाउन के पहले की जिंदगी और लॉक डाउन की जिंदगी में क्या फर्क अपने महसूस किया?  ऐसे कई सवाल मन में संचार करते है। इसका ज...