जॉब नही मिल रहा है, अगर थोड़ी खेती है तो बस शर्म छोड़ो और ये करो।| आर्गेनिक खेती।जैविक खेती। Organic Vegetables & Fruits.
Organic Farming
दोस्तों मैं आज आपको मेरी खुद की सच्ची कहानी बतानेवाला हु। कुछ लोग जो सच मे बहुत पढ़ाई कर के जॉब या अच्छी सैलरी ना मिलने से परेशान है, उनके लिए ये ब्लॉग एक अच्छी राह दिखाने के लिए पर्याप्त है। एक हारे हुए पढ़े लिखे नौजवान को एक मोटिवेशनल स्टोरी है। एक बार जरूर पढ़ें।
मैं एक कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर हु। प्राइवेट कंपनी में कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर का जॉब करता था। मगर, जितनी सैलरी चाहिए थी उतनी कभी नही मिल पाती थी। काम भी रात दिन बहुत करना पड़ता था। सैलरी भी कम और ज्यादा से ज्यादा डेयली का खर्चा निकल पाता था। नया कुछ भी नही कर पाता था। फिर मैंने अपना खुद का कंप्यूटर का रिपेरिंग और सेल्स का शॉप चालू किया और उसमें भी इनवेस्टमेंट तो करना ही पड़ता है। ऐसे वैसे करके चालू कर दिया शॉप और काम करने लगा। कुछ दिन ऐसाही चलता रहा। मगर उसमे भी बहुत कॉम्पिटीशन तो रहता ही है और उसमें टिक कर बिज़नेस करना बोले तो बात ही कुछ और है। मैं कस्टमर के घर पर जाके कंप्यूटर दुरुस्ती का कॉल करता था। दिन रात बहुत काम करता था, फिर भी जीवन मे पैसा और सुकून नही मिल रहा था।
फिर कुछ दिन के बाद मैंने अचानक एक फैसला किया। पहले बहुत सोचा इस बारे में बाद में खुद को थोड़ा समझाया और फाइनल निर्णय लिया। सीधा अपने गांव निकल गया। गांव जाके मेरा खुद का थोड़ा खेत था। तकरीबन डेढ़ एकर वैसा ज्यादा है मगर जिसमे पानी मवजुत था ओ डेढ एकर था। जिसमे एक कुहा था, मतलब खेत को लगने जितना पानी महजुद था। जब मैंने खेत को देखा तो, परेशान हो गया था। क्योंकि, पूरा खेत खरपतवार से खचा-खच भरा था। सोच में पड़ गया था, करु तो क्या करूँ। फिर लग गया काम पे।
कुछ दोस्तों से मिला और दोस्तों को बताया कि, मैं खेती करना चाहता हु या कर रहा हु ऐसा बताते ही सब हँसने लगे मुझपर। सब हँस रहे थे। बोल रहे थे कि, खेती तुम्हारे बस की बात नही, इतना आसान नही, तुम्हारे जैसे पढें-लिखें की बस की बात नही ऐसे ताने मारने लगे थे। कुछ देर मैं भी खुदको सच मे अलग फील कर रहा था। क्या मैं कर पाऊंगा की नही, होगा कि नही मुझसे और कैसे करूँगा। सब तरफ से सवालों के अंदर फस गया था। मगर मैने मन मे ठान लिया था कि मुझे करना ही है इसके सिवाय मेरे पास कुछ और विकल्प नही था।
करो या मरो की नौबत आई थी।
फिर कुछ देर सोचके आखिर में वेजिटेबल यानी सब्जियों की खेती करने की सोच रखी। अब मुझे खेत को तैयार करना था। और सुरुवात में खर्चा भी बहुत था जैसे खेती तैयार करना, ठीबक यानी सिंचाई की सुविधा और लगाने के लिए बीज जैसे मिर्च,टमाटर,करेला और बहुत कुछ। इधर- उधर से पैसे जमा करके सिंचाई और खेत तैयार किया। सब होने के बाद प्लांट्स के लिए खाद और दवाई का खर्चा नही था तो मैंने आर्गेनिक खेती (जैविक खेती) करने का फैसला किया जिसमें खर्च कुछ नही लगता। बिना या कम खर्चे की खेती करने का फैसला किया। फिर मैंने अपना गाईड और गुरु मैन यूट्यूब को बनाया था। जो भी समश्या हो यूट्यूब पे सर्च किया और वैसे ही करने की कोशिश करते करते सब ठीक ठाक होने लगा था।
दिन रात काम करने लगा। आते जाते लोग मेरी तरफ देख के कुछ हँस रहे थे, कुछ परेशान थे तो कुछ अचम्बे में पड़े थे। ये क्या कर रहा है। सब जॉब काम धंदा छोड़के खेत कर रहा है ऐसा बोल रहे थे। मैन सुरुवात में बोलना ही बंद किया सबसे। अब मैं आराम से साल के लाखों कमाता हु। लोग अब परेशान है मुझे और मेरे खेत को देखके परेशान है। अब वा-वा कर रहे है। अब मेरा खेत देखने के लिए लाइन लगती है। ऐसा क्या किया मैंने अपने खेत मे वही आज मैं आपको बताने वाला हु आगे।
खेत कैसे तैयार किया ?
सुरुवात में 5*5 के बेड बना लिए। दो लाइन में 5 फ़ीट का अंतर रख दिया। नीचे की इमेज में मैंने दिखाया है। और नीचे की वीडियो में भी दिखाया है आप देख सकते है।
बाद में एक लाइन छोड़ के यानी कि 10 फ़ीट पे शेवगा, सहजन (ड्रम स्टिक) लगा लिया। 10*8 पे सहजन के दो पेड़ लगाए।
अब अंदर की एक लाइन खाली छोड़ी थी उसमें बाकी सब्जियां लगाया जैसे मिर्च, टमाटर, बैगन और बहुत कुछ लगाया है आप वीडियो में देख सकते है।
अब 2 लाइन के अंदर यानी दो बेड के अंदर जो जगह थी उसमें मैन एक लाइन छोड़ के मेथी,पालक, कोथिम्बीर और बाकी ग्रीन सब्जिया ली।
अब पूरी बुवाई होने के बाद को भी कीटक या रोगों के लिए मैन खुद जैविक ओर्गानिक दबाई बना लिया जैसे, दस्परणी, जीवामूर्त, निम अर्क, और कई सारे जैविक पेस्टिसाइड तैयार घर पर ही तैयार कर लिए। इससे मेरा होनेवाल सब खर्च कम हुवा। अब और ज्यादा क्या ले सकता हु इसपे थोड़ा और सोच लिया फिर मैंने फ्लावर्स यानी फूल की खेती चालू की, ओ कैसे किया नीचे की इमेज में देखो।
फूलों में गुलाब, गेंदा और Galanda।
अब मैं फूलों से और सब्जियों से बहुत ज्यादा कमाता हु। अब शर्म या लोग क्या बोलेंगे ये सब सोचना छोड़ दिया। बस दिन रात काम करता हु।
आर्गेनिक सब्जियो की बजह से अब मुझे लोग पहचान ते है। इसका टेस्ट बहुत ही अच्छा है और ज्यादा दिन टिकाऊ भी है। इससे सेहत भी अच्छी रहती है। कोई भी बीमारी जैसे कैंसर, हार्ट अटैक जैसे बीमारियों से छुटकारा होता है।
लोग भी अब जान गए है। आर्गेनिक का महत्व, इसलिए आनेवाला एरा सिर्फ आर्गेनिक का होगा। अब आप इस कि मार्केटिंग कैसे करते हो इसपे कमाई डिपेंड है। अपना ब्रांड बी बना सकते है या फिर किसी कंपनी जैसे रिलायंस मॉल बाकी कई सारे ऑनलाइन मार्केट है, जहा आप अपना माल बेच सकते है
अब अच्छा खासा पैसा कमा रहा हु। और आधुनिक और टेक्नोलॉजी का उपयोग करके खेती करता हु। अंदर की मशागत के लिए पावर टिलर और कई सारे मशीन उपयोग में लाता हु और खेती करता हु।
आपके लिए कुछ पंक्तिया लिख रहा हु।
लोग हमे जलाते है।
हम जलते रहते है।
लोग हमें रुलाते है।
हम रोते रहते है।
लोग हमें नीचा दिखाते है।
हम शर्म से झुक जाते है।
लोग हमें सताते है।
हम मायुस होते है।
लोग हमारे सपनों पे पानी फेरते है।
हम सपना देखना छोड़ देते है।
लोग हमें घुसे से देखते है।
हम नरमी से लेते है।
लोगों का क्या, कुछ भी करते है।
अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा कहते है।
लोगों ने कुछ भी कहा कि,
हम बुरा मान लेते है।
हमने कुछ किया ही नही।
फिर भी हम दिल पे क्यों लेते है।
बुरे को अच्छा कहते है।
उनका काम ही है, कुछ भी बोलना।
हमे तो बस सच ही उनको दिखाना।
हमें तो बस अपना काम करना है।
लोगों के बारे में क्यों सोचना।
अपने सपनों को क्यों तोड़ना।
हम तो शान से जीते है।
कुछ कर दिखाने के लिए।
दिल मे सच्चाई और ईमानदारी है,
तो हर रास्ता आसान है।
मंजिल को पाने के लिए।
हर कोशिश करना हमारा काम है।
अपने इरादे पे कायम रहना है।
सिर्फ अपने दिल की सुनना है।
लोगों के मुँह पे चाटा जो मारना है।
अपने आप पे यकीन जो करना है।
खुद को पहचान कर, दुनिया को दिखाना है।
अपने उमीदों पे खरा उतर ना है।
समाज बुरे लोंगो से भरा पड़ा है।
जब अच्छा समय आएगा तो,
सब साथ में नजर आएंगे। मगर,
जब बुरा समय आएगा। तो,
कोई साथ नही दे पाएगा।
यही रीत है जमाने की।
हर एक को सताने की।
खुशियों को नजर लगाने की।
अपनों में दूरियां बनाने की।
सुनो लोगों की मगर,
अपने दिल की करो।
देखों दुनिया को मगर,
अपने आप को ना भूलो।
इस जमाने ने किसका अच्छा किया,
जो अपना अच्छा होगा।
बस अपने कर्म करते रहो।
एक दिन जरूर अपना होगा।
देखा हुआ हर एक सपना।
एक दिन जरूर सच्चा होगा।
- आनंद कदम
आपके लिए कुछ पंक्तिया लिख रहा हु।
लोग हमे जलाते है।
हम जलते रहते है।
लोग हमें रुलाते है।
हम रोते रहते है।
लोग हमें नीचा दिखाते है।
हम शर्म से झुक जाते है।
लोग हमें सताते है।
हम मायुस होते है।
लोग हमारे सपनों पे पानी फेरते है।
हम सपना देखना छोड़ देते है।
लोग हमें घुसे से देखते है।
हम नरमी से लेते है।
लोगों का क्या, कुछ भी करते है।
अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा कहते है।
लोगों ने कुछ भी कहा कि,
हम बुरा मान लेते है।
हमने कुछ किया ही नही।
फिर भी हम दिल पे क्यों लेते है।
बुरे को अच्छा कहते है।
उनका काम ही है, कुछ भी बोलना।
हमे तो बस सच ही उनको दिखाना।
हमें तो बस अपना काम करना है।
लोगों के बारे में क्यों सोचना।
अपने सपनों को क्यों तोड़ना।
हम तो शान से जीते है।
कुछ कर दिखाने के लिए।
दिल मे सच्चाई और ईमानदारी है,
तो हर रास्ता आसान है।
मंजिल को पाने के लिए।
हर कोशिश करना हमारा काम है।
अपने इरादे पे कायम रहना है।
सिर्फ अपने दिल की सुनना है।
लोगों के मुँह पे चाटा जो मारना है।
अपने आप पे यकीन जो करना है।
खुद को पहचान कर, दुनिया को दिखाना है।
अपने उमीदों पे खरा उतर ना है।
समाज बुरे लोंगो से भरा पड़ा है।
जब अच्छा समय आएगा तो,
सब साथ में नजर आएंगे। मगर,
जब बुरा समय आएगा। तो,
कोई साथ नही दे पाएगा।
यही रीत है जमाने की।
हर एक को सताने की।
खुशियों को नजर लगाने की।
अपनों में दूरियां बनाने की।
सुनो लोगों की मगर,
अपने दिल की करो।
देखों दुनिया को मगर,
अपने आप को ना भूलो।
इस जमाने ने किसका अच्छा किया,
जो अपना अच्छा होगा।
बस अपने कर्म करते रहो।
एक दिन जरूर अपना होगा।
देखा हुआ हर एक सपना।
एक दिन जरूर सच्चा होगा।
- आनंद कदम
मुझे आशा है आपको ये मेरा ब्लॉग अच्छा लगा होगा। आपका बहुत धन्यवाद।।।
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