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मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

लॉकडाउन में खुद को कैसे संभाले? लॉक डाउन में किस चीज का विशेष ध्यान रखें ? | खुद को पहचानों

लॉकडाउन में खुद को कैसे संभाले? लॉक डाउन में किस चीज का विशेष ध्यान रखें ? लॉक डाउन में क्या करें और क्या ना करें? महीनों पहले आपने ये कभी नही सोचा होगा या समजा होगा कि ऐसा भी कभी होगा। जिंदगी कुछ बदली-बदली सी लग रही है। और ज्यादा तर हम में से कई लोग वास्तविक संघर्ष के रूप में अकेलेपन और अलगाव का अनुभव कर रहे हैं। ये “ लॉक डाउन ” की घड़ी बहुत ही चिंताजनक है। आप धीरज से काम ले और कुछ नया सोंचने की कोशिश करें। हमारे सामान्य दिन-प्रतिदिन की जिंदगी जैसे अपना बिज़नेस, नौकरी,सोशल मीडिया इन सब से आदमी थक गया था और और सोशल मीडियाने तो दिमाख खराब कर दिया था। मगर आज हम क्या कर रहे है? कोई घर मे शांत अकेल बैठे बोअर हो रहा है तो कोई अपने बच्चों की देखभाल कर रहा है। कोई अपने परिवार में खुशी से सुख बांट रहा है। कोई अपना पूरा दिन सोशल मीडिया पे व्यतीत कर रहा है। आपको इस लॉक डाउन में क्या लगता है ? कौनसी लाइफ अच्छी है ? लॉक डाउन वाली लाइफ अच्छी है ? या फिर, लॉक डाउन के पहले की? लॉक डाउन के पहले की जिंदगी और लॉक डाउन की जिंदगी में क्या फर्क अपने महसूस किया?  ऐसे कई सवाल मन में संचार करते है। इसका जवाब

जॉब नही है, थोड़ी खेती है तो बस ये करो..Organic Kheti| जैविक खेती

जॉब नही मिल रहा है, अगर थोड़ी खेती है तो बस शर्म छोड़ो और ये करो।| आर्गेनिक खेती।जैविक खेती। Organic Vegetables & Fruits. Organic Farming दोस्तों मैं आज आपको मेरी खुद की सच्ची  कहानी बतानेवाला हु। कुछ लोग जो सच मे बहुत पढ़ाई कर के जॉब या अच्छी सैलरी ना मिलने से परेशान है, उनके लिए ये ब्लॉग एक अच्छी राह दिखाने के लिए पर्याप्त है। एक हारे हुए पढ़े लिखे नौजवान को एक मोटिवेशनल स्टोरी है। एक बार जरूर पढ़ें। मैं एक कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर हु। प्राइवेट कंपनी में कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर का जॉब करता था। मगर, जितनी सैलरी चाहिए थी उतनी कभी नही मिल पाती थी। काम भी रात दिन बहुत करना पड़ता था। सैलरी भी कम और ज्यादा से ज्यादा डेयली का खर्चा निकल पाता था। नया कुछ भी नही कर पाता था। फिर मैंने अपना खुद का कंप्यूटर का रिपेरिंग और सेल्स का शॉप चालू किया और उसमें भी इनवेस्टमेंट तो करना ही पड़ता है। ऐसे वैसे करके चालू कर दिया शॉप और काम करने लगा। कुछ दिन ऐसाही चलता रहा। मगर उसमे भी बहुत कॉम्पिटीशन तो रहता ही है और उसमें टिक कर बिज़नेस करना बोले तो बात ही कुछ और है। मैं कस्टमर के घर पर जाके कंप