कर्म का फल | अपने कर्मों के फल। जैसा कर्म वैसा फल। Khud Ko Pehchano
- कर्म किसे कहते है ?
- कर्म की व्याख्या क्या है ?
- कर्म के प्रकार कितने है ?
- कर्मों का फल किसे कहते है?
- कर्म वो होता है, जो किसीके काम आए।
- कर्म वो होता है, जो किसीको सुख देता हो।
- अपने कर्मो से ही खुद की पहचान होती है।
- जैसा कर्म है, वैसा ही नाम होता है।
- अच्छे कर्म इंसान को जीवन मे खुशी देते है।
- बुरे कर्म इंसान को जीवन मे दर्द देते है।
सवाल तो बहुत है, मगर क्या इसका जवाब हर एक के पास है क्या? अगर है तो इसे कितने लोग जानते है की कर्म कैसा हो? कर्म एक ऐसीं चीज है जो दिखती नही मगर इसका अहसास हमे वक्त आने पर होता है। वक्त कर्म का असली मतलब समझाता है। आप के कर्म पे आपका भविष्य होता है। या यूं कह सकते है कि कर्म ही आपका कल है।
- इंसान चाहे कैसा भी हो,
- उसके कर्म अच्छे होने चाहिए।
- जीवन मे कितनी भी तकलीफ क्यों ना हो,
- अच्छे कर्म को कभी छोड़ना नहीं चाहिए।
अपने जीवन मे जो भी करते है उसे हैम कर्म कह सकते है। चाहें कौनसा भी काम हो। जैसे आप अपने बच्चों को छोटे से बड़ा करते हो, उनका पालन करतें है, उसे हम माँ-बाप का कर्म कह सकते है। कोई अपने माँ-बाप की सेवा करता है, इसे हम कर्म कह सकते है। सुबह उठने के बाद जो भी कुछ करते है उसे कर्म कह सकते है। इंसान के कर्म ही इंसान की पहचान होती है। हम हमेशा कहते रहते है की उसको कर्म का फल मिला है। मतलब जो जैसा बीज बोयेगा वैसा फल मिलेगा। कर्म दो तरह के होते है। एक अच्छा कर्म और दूसरा बुरा कर्म। अच्छा कर्म हमेशा इंसान को अच्छे दिन दिखाता है। अच्छा करोगें तो अच्छा फल मिलेगा। बुरा कर्म करोगें तो उसके साथ हमेशा बुरा ही होगा। इस दुनिया मे अच्छे कर्म करनेवाले कम और बुरे कर्म करने वाले बहुत मिलेंगें। पुराने ग्रंथो में लिखा है कि सत्य युग, द्वापार युग और कल युग ऐसे अलग युग होते है। पाप और पुण्य ये भी कर्मों पे अधारित है। अगर अच्छे कर्म करोगें तो पुण्य मिलेगा यानी स्वर्ग में जगह मिलेगी और बुरा कर्म करोगें तो नर्क में जगह मिलेगी ऐसी कहावतें है। इसका मतलब यही है कि, आप अच्छा करो तो आपके साथ सब कुछ अच्छा रहेगा। बुरा करो तो आपके बुरा ही होगा यानी बहुत कष्ट उठाने बढ़ते है, जैसा आप करते हो वैसा ही आपके साथ होगा। आप किसीको तकलीफ देंगे तो आपके साथ भी तकलीफ भरी घटनाए होंगी।
- हमेशा कोशिश करो अच्छे कर्म करने की,
- कभी जीवन मे जरूरत नही होंगी पछताने की।
- अच्छे कर्मों का कभी अंत नही होता।
- बुरे कर्मो का कभी अच्छा नही होता।
- बुरे कर्मो का फल कभी नहीं मिलता।
- मिलता भी है तो, उससे बुरा कुछ नही होता।
जैसे सच और झुठ होता है, वैसे ही पाप और पुण्य होता है। जो दीखता नही मगर महसूस होता है जीवन मे। हमेशा कोशिश करते रहो की अपने हात से कुछ अच्छा ही हो, न कि किसिका बुरा सोचों। बुरे लोग कभी इस बारे में सोंचते नही बस कर के ही दम लेते है। इसका परिमाण उनको भुगतना पड़ता ही है एक न एक दिन। ये एक काले पत्थर पर की लकीर है। ज्यादा कुछ सोचना नही पड़ता है बस अच्छा करने की ठान लो और अच्छे कर्म करते रहो। आपको अपने जीवन मे कभी निराशा नही होगी। नशीब आपका साथ हमेशा देता रहता है।
- इंसान सूरत से नही पहचाना जाता।
- पहचाना जाता है सिर्फ उसके कर्मो से।
- कर्म करो ऐसे जिसपे आपको नाज हो।
- सच का साथ दो तो नशीब साथ देता है।
अच्छे कर्म क्या होते है, थोड़ा समझ ते है। अच्छा कर्म वो होता है जो आपको सुख देता है। जैसे आपने कभी माँ-बाप को अकेला नही छोड़ना है, उनकी सेवा करते रहना है। प्राणी, जीव जंतु जो भी हो उनपे कभी अत्याचार नही करना है। कभी किसीको दुख नही पहुंचाना। किसी को तकलीफ हो ऐसा बर्ताव कभी नही करना।
- कर्म ही पूजा है, कर्म ही नाम है।
- कर्म ही भगवान है। कर्म ही पूण्य है।
- कर्म ही सच्चाई है। कर्म ही अच्छाई है।
- कर्म के बिना जीवन असफल है।
कुछ लोग ऐसे होते है, जो बुरा कर्म करके भी खुदको अच्छा साबित करने की कोशिश करते रहते है, मगर उसकी हजार कोशिशें भी कम होती है। वो लोग कभी जीवन मे कामयाब नही होते। हमेशा उनको असफलता ही नशीब होती है। कर्म को अगर मेहनत से करोगें तो आपकी कोशिश कभी नाकाम नही होगी। सच्चे दिल से
करें हुए कर्म को भगवान भी साथ देता है, हमेशा उन लोगों पे आशिर्वाद बनाएं रहता है।
भगवान बुरे कर्म का साथ कभी नही देता। इंसान को अपने कर्मो पे विश्वास होना चाहिए। कोई भी काम ईमानदारी, मेहनत और लगन से किया जाए तो, हमेशा उसे अच्छा फल मिलता है, चाहे कर्म छोटा हो या बड़ा हो।
अच्छे कर्म करो, अच्छा इंसान बनो। बुरा कर्म करो बुरा इंसान बनो। अब तुम तय करो क्या बनना है, क्या करना है।
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