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नशिली शायरी | Nashili Shayari - Khud Ko Pehchano

नशिली शायरी | Nashili Shayari in Hindi - Khud Ko Pehchano

Nashe ki shayari


हमे तो अपने, दोस्तों नेही,
वहाँ ले जा के छोड़ा।

जहाँ मिलाया गया था,
पानी मे थोड़ा सोडा।



हम ने तो पानी समजकर,

पी लिए ग्लास पे ग्लास बड़ा।

बाद में पता चला की,
उसमे मिलाया था शराब थोड़ा।



हमे कहा पता था, की नशा क्या होती है।

और नाही इसकी कभी आदत थी।
सिर्फ
पीते थे कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा।
आज तो नशे ने हमे कही का नही छोड़ा।



नशा भी क्या चीज है यारो।
अच्छे-अच्छे के छक्के छुड़ादे।


जो होश में ना कर सके,
बेहोशी में बड़े आसानी से कर दे।



अब तुम ही बताओ दोस्तों!
लोग कहते है की नशा करना बुरी बात है।

टेंशन को भुलाने के लिए
इस से अच्छी कौनसी बात है।



हमे तो नशे की, लत कभी ना थी।
अब लग गई आदत तो,
इसमें हमारी क्या गलती थी।

क्यों अपनो ने ही जो इतने जख्म दिए।
सबका अच्छा सोचते थे,
शायद यही एक गलती की थी।

क्यों बर्बाद कर रहे हो जीवन इतना।
नशेमें बिखर रहा है परिवार अपना।
क्यों तोड़ रहे हो अपने बच्चों का सपना।
बेशर्मी से जी रहे हो जीवन अपना।

                    - आनंद कदम



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