Women's day shayari, thoughts & quotes | महिला दिवस पर शायरी| महिला दिवस पर विशेष लेख।Khud Ko Pehchano
Women's Day Shayari, Thoughts & Quotes | महिला दिवस पर शायरी| महिला दिवस पर विशेष लेख। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस।
हमारे देश मे महिलाओं के लिए राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। 8 मार्च को पूरे देश मे महिला दिन को एक नई ऊर्जा के साथ महिला का सन्मान किया जाता है। वैसे महिला एक ऐसा रूप है जगत में जिसकी महिमा अपरंपार है। महिला जिसे हम नारी कहते है। ये संसार दो हो लोगों पे जुड़ा हुआ है, एक स्त्री और पुरुष। ये दो दुनिया के दो पइये है। अगर इसमें से एक की कमी हो तो दुनिया अकेली और सुनसान हो जाती है। महिला का अपने जीवन मे बहुत बड़ा योगदान है, उपकार है जो कभी भी नही चुका सकते।
- नारी है तू देश की, देश को है तेरा अभिमान।
- रूप है तेरे कई, काली, लक्ष्मी का है तुझे वरदान।
- तू ना ज्याने कितना करते है हम तेरा अभिमान।
- बीवी, लड़की और माँ कई रूप की है तू जान।
पुराने जमाने मे महिला को समान हक़ नही दिया जाता था। उनको सिर्फ चूल्हा और बच्चें ये दो बातों में ही रखा जाता था। महिलाओं को कभी उन्हें बराबरी का सन्मान नही मिलता था, और समाज मे नाही अच्छा स्थान मिलता था। उनको बस चूल्हा और बच्चे संभालने के लिए ही रखा जाता था। कुछ परम्पराएँ भी थी जैसे " सती " यानें की अगर कोई महिला का पति मर जाता तो उस पति के साथ उसको भी पति के साथ जलाया जाता था। तो ऐसे ही बहुत सारे उदाहरण है।
- बीवी बनकर करती है, पति,बच्चों का ख़याल।
- बेटी बनकर बढ़ाती है, ऊंचा पिता का सन्मान।
- बहु बनकर रखतीं है, सांस-ससुर का ध्यान।
- माँ बनकर करती है सेवा, सबकी हैं तू मिसाल।
ऐसे कई महिलाओं के उदाहरन है जो देश के लिऐ मिसाल बनकर गई है। जैसे माँ जिजामाता जिसने शिवजी राजे जैसा पुत्र दिया था। सावित्रीबाई फुले, जिन्होंने महिलाओं के लिए एक अलग मिसाल कायम की थी। महिला सिर्फ काम के लिए ही नही है, उसे अच्छी शिक्षा लेके समाज मे एक अलग जगह दी थी। रानी लक्ष्मीबाई और कई सारे उदाहरण है। जो इस देश के लोगों के लिए और महिलाओं के लिए एक अलग काम करके गए है। महिला क्या नही कर सकती ये एक अच्छा पाठ देकर गई है। निश्चित रूप से महिलाओं को इनके जैसे बनकर एक नई प्रेरणा देनी चाहिए।
आज आप लोग देख रहे है कि, महिला को समान दर्जा दिया गया है। पुरूषों के कंधों को कंधा मिलाकर काम कर सकती है। देरी है तो कुछ बनकर दिखाने की, खुद को पहचानने की ताकि देश के लिए एक सशक्त नरी के रूप में आगे आने की। आजकल आप देख ही रहे है, महिला को कितना सन्मान मिल रहा है। हर एक फील्ड में महिला अपना नाम कमा रही है। अपने माँ-बाप का और अपने देश का नाम ऊंचा कर रही है। कोई विश्वसुंदरी, वैमानिक, समाजसेवा और कई सारे जगह पे अपना नाम कमा रही है। जैसे लत्ता दीदी जिन्होंने अपने आवाज से सारी दुनिया का मनोरंजन किया। नारी को अपना सन्मान, इज्जत और संस्कारों के साथ साथ अपनी कला को भी समझकर उसे दुनिया को दिखाना होगा, ताकि महिलाओं का मान सन्मान और ऊंचा हो।
- प्यार करना और निभाना बचपन से सिखाती है।
- हर एक इंसान को सन्मान देना सिखाती है।
- संस्कारों के पाठ पढ़ाकर संस्कारी बनाती है।
- जिंदगी में सच्चे राह पर चलना सिखाती है।
- जीवन के हर मोड़ पे गिर के उठाना सिखती है।
- अजब रूप है नारी का इस संसार मे, सब रिश्तों को अच्छी तरह से निभाना जानती है।
कही जगह पे कुछ कुकर्मों का धंदा ज्यादा चलता है, जैसे महिला पे अत्याचार, बलात्कार और बदनामी होती हैं। इस समाज मे एक वर्ग ऐसा भी है जिनका काम ही ऐसा है। इनको ना अपने आप की ना अपनों की फ़िकर होती है। बस इनका काम ही कुछ ऐसा होता है। महिला को छेड़ना, उनकी बदनामी करना और बलात्कार करना। इस जाति के लोगों को शायद संस्कार नाम की चीज ही पता नही होती है, ये इज्जत करना जानते ही नही होंगे, तभी ऐसा बुरा काम करते है। ऐसे लोगों का सामना करना है तो नारी को सशक्त और बलवान बनना पड़ेगा। ऐसे हर एक इंसान को उसकी भाषा मे उत्तर देना होगा, तब जा के ये लोग सुधर सकते है। अपने आप को कभी कमजोर मत समजो, खुद को मजबूत करो, दुनिया की हर एक समश्या को मुंह तोड़ जवाब दो। तभी ऐसे कर्मो को कम कर सकते है, वरना ये ऐसा ही चलता रहेगा।
इस महिला दिवस पे आपको बहुत सारी सुभकामनाये और मेरा सन्मान है। कभी हार मत मानो बस लढते जाओ, सामना करो जब तक है जान। अपने सन्मान को और बढ़ओ।
- कई रूप है इनके, माँ, बहु, सांस और बेटी।
- जिंदगी में कभी मत लेना इनकी कसौटी।
- इनके बिना जिंदगी बन जाएंगी काल-कोठी।
- जन्म से पहले ही क्यों, मार देते है लोग़,
- उन्हें क्या पता परिवार की शान होती है बेटी।
- क्यों करतें है दुष्ट लोग इनपे अत्याचार।
- नसीब में नही होगा बहु-बेटीयों का प्यार।
- हर जगह पे छुपकर करते है बेटी पर वार।
- सन्मान करना सिखों महिलाओं का,
- वरना कभी नसीब नही होगा उनका प्यार।
- दर-दर भटकते रह जाएंगे, ना मिल पायेगा खुशी से भरा परिवार।
- देश की बेटी पर अब ना हो कही पे बलात्कार।
- जो करे ये कर्म उसे कड़ी सजा का हो ऐलान।
- देश की हर एक महिला का रखो दिल से मान।
- महिला ही होती है अपने सफल देश की जान।
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